H-1B बंद करना चाहते हैं ट्रंप समर्थक? एलन मस्क ने साफ़ कहा, बहुत ग़लत होगा

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अमेरिका का H-1B वीजा प्रोग्राम पिछले कई दशकों से दुनिया भर के कुशल प्रोफेशनल्स को अमेरिका लाने का सबसे बड़ा जरिया रहा है, खासकर भारतीय आईटी इंजीनियर्स और टेक टैलेंट के लिए। लेकिन ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद एक बार फिर यह बहस तेज हो गई है कि क्या H-1B प्रोग्राम को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए? इस सवाल पर दुनिया के सबसे अमीर शख्स और टेस्ला-स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने साफ-साफ अपनी राय रखी है।

Elon Musk defends H-1B visa program in Nikhil Kamath podcast, praises Indian talent, country


हाल ही में जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट “WTF is” में एलन मस्क ने लंबी बातचीत की। इस इंटरव्यू में मस्क ने साफ कहा – “मैं इस विचारधारा में बिल्कुल नहीं हूं कि हमें H-1B प्रोग्राम को बंद कर देना चाहिए… ऐसा करना बहुत गलत और नुकसानदेह होगा।


अमेरिका को भारतीय टैलेंट से हमेशा फायदा हुआ है – एलन मस्क

निखिल कामत ने बातचीत शुरू करते हुए कहा कि दशकों से अमेरिका दुनिया के सबसे होशियार लोगों को अपनी तरफ खींचता रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इमिग्रेशन को लेकर माहौल निगेटिव हो गया है। अमेरिका अब कुछ हद तक “एंटी-इमिग्रेशन” लगने लगा है।


इस पर एलन मस्क ने तुरंत सहमति जताई और कहा,

हां, बिल्कुल सही कहा आपने। अमेरिका को भारतीय टैलेंट से बहुत ज्यादा फायदा हुआ है। कुशल भारतीयों ने अमेरिका आकर यहां की तरक्की में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

मस्क का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप प्रशासन ने अवैध इमिग्रेशन पर सख्त कदम उठाए हैं और H-1B वीजा में भी बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अक्टूबर 2024 में ही ट्रंप ने एक नया नियम लागू किया था जिसके तहत नई H-1B एप्लीकेशन पर 1 लाख डॉलर (लगभग 85 लाख रुपये) का भारी-भरकम शुल्क लगाया गया है। इसका मकसद अमेरिकी कंपनियों को मजबूर करना है कि वो पहले अमेरिकी नागरिकों को ही नौकरी दें। इस कदम की टेक इंडस्ट्री में काफी आलोचना भी हुई थी।

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H-1B बंद करना बहुत बड़ी गलती होगी

कई कट्टर अमेरिकी समूह H-1B प्रोग्राम को पूरी तरह खत्म करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां छिन रही हैं। लेकिन एलन मस्क ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया।

उनका कहना था,

H-1B प्रोग्राम में कुछ गड़बड़ियां जरूर हुई हैं। कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियां सिस्टम को चकमा दे रही हैं, लॉटरी सिस्टम में धांधली कर रही हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पूरा प्रोग्राम ही बंद कर दो। गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई करो, सिस्टम को दुरुस्त करो, लेकिन प्रोग्राम को खत्म मत करो। अगर ऐसा किया गया तो यह अमेरिका के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होगा।

मस्क ने जोर देकर कहा कि अमेरिका में सचमुच टॉप लेवल के टैलेंट की कमी है। टेस्ला, स्पेसएक्स और उनकी दूसरी कंपनियों में भी उन्हें बेहतरीन इंजीनियर्स और साइंटिस्ट्स ढूंढने में बहुत मुश्किल होती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा कुशल लोग देश में आएं, यह अमेरिका के हित में है।


लेफ्ट वाले चाहते हैं खुली सीमाएं, राइट वालों को लगता है नौकरियां छिन रही हैं

एलन मस्क ने अमेरिका की पॉलिटिकल डिवीजन को भी बेबाकी से समझाया। उनका कहना था:

बाईं तरफ के लोग (डेमोक्रेट्स) तो लगभग खुली सीमाएं ही चाहते हैं। वहीं दाईं तरफ के लोगों को लगता है कि विदेशी टैलेंट उनकी नौकरियां ले रहा है। दोनों ही पक्ष कुछ हद तक गलत हैं।

मस्क ने बाइडेन प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में बॉर्डर पर बिल्कुल कंट्रोल नहीं था। “अगर बॉर्डर कंट्रोल ही नहीं है तो आप देश कैसे कहलाएंगे?” मस्क ने कहा कि अवैध तरीके से आने वालों को आर्थिक फायदा मिलता रहा, जिससे लाखों लोग गैरकानूनी तरीके से घुस आए। यह “नेगेटिव सिलेक्शन” पैदा करता है – यानी जो गलत तरीके से आ सकते हैं वो आ जाते हैं, लेकिन जो कानूनी रास्ते से आना चाहते हैं, उनके लिए रास्ता मुश्किल हो जाता है।


एलन मस्क का स्टैंड सुधार चाहिए, बंद नहीं

एलन मस्क का स्टैंड बहुत साफ है – H-1B प्रोग्राम में सुधार की जरूरत है, दुरुपयोग रोकना चाहिए, लेकिन इसे बंद करना अमेरिका की तकनीकी श्रेष्ठता और आर्थिक ताकत के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। खासकर भारतीय टैलेंट, जो सिलिकॉन वैली से लेकर नासा तक हर जगह छाया हुआ है, उसके योगदान को नकारना नामुमकिन है।

अगर अमेरिका सच में दुनिया का नंबर-1 इनोवेशन हब बना रहना चाहता है तो उसे दुनिया के सबसे होशियार दिमागों के लिए दरवाजे खुले रखने होंगे – बस सिस्टम को साफ-सुथरा और पारदर्शी बनाना होगा।


एलन मस्क की यह बात एक बार फिर साबित करती है कि टेक इंडस्ट्री के बड़े लीडर्स भारतीय और दूसरे देशों के टैलेंट को अमेरिका की ताकत मानते हैं, न कि खतरा।

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