अरबपति पिता ने बेटे को देर से आने पर नौकरी से निकाला, फिर जो हुआ, चौंक जाएंगे!

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अमेरिका के अरबपति वकील और मॉर्गन एंड मॉर्गन लॉ फर्म के संस्थापक जॉन मॉर्गन ने अपने बेटे डेनियल को एक बार नौकरी से इसलिए निकाल दिया था क्योंकि वह बार-बार ऑफिस देर से आ रहा था और काम में लापरवाही बरत रहा था। यह बात सुनकर आपको हैरानी हो सकती है, लेकिन जॉन मॉर्गन का मानना है कि पैसा और रुतबा कभी भी मेहनत और अनुशासन की जगह नहीं ले सकता – चाहे बात अपने बच्चों की ही क्यों न हो।

Billionaire John Morgan who fired his son Daniel for being late to work, world


जॉन मॉर्गन कौन हैं?

69 साल के जॉन मॉर्गन फ्लोरिडा के मशहूर वकील हैं और उन्होंने साल 1988 में मॉर्गन एंड मॉर्गन नाम की पर्सनल इंजरी लॉ फर्म शुरू की थी। आज यह अमेरिका की सबसे बड़ी लॉ फर्मों में से एक है जिसमें 1000 से ज्यादा वकील काम करते हैं और पूरे 50 राज्यों में इसके ऑफिस हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति करीब 1.5 अरब डॉलर (लगभग 12,500 करोड़ रुपये) है।

गरीबी में पले-बढ़े जॉन मॉर्गन पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। बचपन में परिवार की आर्थिक हालत खराब होने की वजह से बहुत छोटी उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। आज उनके पास न सिर्फ लॉ फर्म है, बल्कि साइंस म्यूजियम, शॉपिंग मॉल, बिलबोर्ड कंपनी और यहां तक कि एक क्राइम थीम वाला अट्रैक्शन पार्क भी है, जिसमें ओ.जे. सिम्पसन के मशहूर पुलिस चेज़ वाली सफेद फोर्ड ब्रॉन्को कार भी रखी है। जॉन मॉर्गन के चार बच्चे हैं – तीन बेटे और एक बेटी।


बेटे को नौकरी से निकालने की अनोखी कहानी

जॉन मॉर्गन का परिवार वंडरवर्क्स नाम से साइंस बेस्ड एंटरटेनमेंट सेंटर्स की चेन चलाता है। एक बार उन्हें पता चला कि उनका बेटा डेनियल वहां देर से आ रहा है और काम ठीक से नहीं कर रहा। बस फिर क्या था – जॉन मॉर्गन ने बिना कोई रियायत दिखाए डेनियल को तुरंत फायर कर दिया।

उन्होंने बिजनेस इनसाइडर को दिए इंटरव्यू में बताया, “मैंने डेनियल से कहा – ‘तुम फायर हो। अब घर तभी आना जब नई नौकरी लग जाए।’”

डेनियल ने खुद इस घटना को शर्मनाक लेकिन जिंदगी का सबसे अहम सबक बताया। उन्होंने कहा, “हमारे घर का गोल्डन रूल यही था कि तुम्हें हमेशा कोई न कोई नौकरी जरूर करनी है।


बोस्टन मार्केट में बर्तन धोने का सबक

नौकरी से निकाले जाने के बाद डेनियल ने बोस्टन मार्केट रेस्तरां में नौकरी शुरू की। वहां उन्हें सबसे गंदा और मेहनत वाला काम – बर्तन धोना – सौंप दिया गया। पहली बार में ही उल्टी हो गई। पिता जॉन मॉर्गन ने उन्हें समझाया, “देखो डेनियल, वे तुम्हें सबसे घटिया काम दे रहे हैं। वे तुम्हारे बारे में यही सोचते हैं।

एक हफ्ते बाद डेनियल ने वह नौकरी छोड़ दी और फायरहाउस सब्स में काम शुरू किया। वहां उन्होंने शानदार परफॉर्मेंस दी। बाद में उन्होंने लॉ की पढ़ाई की और आज मॉर्गन एंड मॉर्गन में मैनेजिंग पार्टनर हैं। डेनियल कहते हैं, “फास्ट फूड इंडस्ट्री में काम करने से मुझे विनम्रता, मेहनत और समय की पाबंदी का महत्व समझ आया। जब मैं मॉर्गन एंड मॉर्गन में आया तो मुझे कॉल सेंटर से शुरू करना पड़ा और हर मौका खुद कमाना पड़ा।

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अमीरी में भी सादगी और मेहनत का पाठ

जॉन मॉर्गन कहते हैं कि उन्होंने कभी अपने बच्चों को महंगी कारें या लग्जरी गिफ्ट्स नहीं दिए। उनके बच्चों को 8-10 साल पुरानी लिंकन नेविगेटर जैसी गाड़ी मिली और उसका इंश्योरेंस और पेट्रोल का खर्चा भी खुद ही करना पड़ता था।

वे कहते हैं, “जब लोग पैसे कमाने लगते हैं तो लगता है कि वे बहुत होशियार हो गए हैं। यही घमंड उन्हें बर्बाद कर देता है। मैं मानता हूं कि मेरी कामयाबी में किस्मत का बहुत बड़ा हाथ है। इसलिए मैंने अपने बच्चों को यही सिखाया कि नाम और पैसा सब कुछ नहीं होता – मेहनत और विनम्रता सबसे ऊपर है।


आज की पीढ़ी के लिए सीख

जॉन मॉर्गन की यह कहानी आज के उन माता-पिता के लिए प्रेरणा है जो अपने बच्चों को सिर्फ पैसों की वजह से बिगड़ने से बचाना चाहते हैं। चाहे आप अरबपति हों या आम आदमी – मेहनत, समय की कीमत और जिम्मेदारी का एहसास हर बच्चे को देना जरूरी है।

डेनियल मॉर्गन आज सफल वकील और अपने पिता की कंपनी के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन उनकी सफलता की नींव वो दिन हैं जब उन्हें अपने पिता से फटकार लगी और फास्ट फूड रेस्तरां में बर्तन धोने पड़े।

यह बात साबित करती है कि सख्त अनुशासन और मेहनत का रास्ता भले ही कड़वा लगे, लेकिन अंत में यही इंसान को ऊंचाइयों तक ले जाता है।

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