तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री यानी टॉलीवुड इन दिनों अपने सबसे चमकदार दौर से गुजर रही है। पान-इंडिया सुपरहिट फिल्में जैसे बाहुबली, पुष्पा, आरआरआर ने दुनिया भर में तेलुगु सिनेमा का डंका बजा दिया है। लेकिन इसी सफलता के पीछे एक बड़ा सवाल भी खड़ा हो रहा है – क्या महेश बाबू, अल्लू अर्जुन, राम चरण, प्रभास, जूनियर एनटीआर जैसे मेगा स्टार्स की 100-150 करोड़ तक की फीस इंडस्ट्री के लिए बोझ बनती जा रही है? क्या ये सितारे समझते हैं कि उनकी मोटी सैलरी प्रोड्यूसर्स की कमर तोड़ रही है?
इसी सवाल का सबसे साफ और ईमानदार जवाब हाल ही में मशहूर प्रोड्यूसर रवि शंकर (माइथ्री मूवी मेकर्स) ने दिया। माइथ्री मूवी मेकर्स वही प्रोडक्शन हाउस है जिसने ‘पुष्पा’, ‘वॉल्टेयर वीरय्या’, ‘उप्पेना’, ‘रंगस्थलम’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाई हैं। हाल ही में उनकी नई फिल्म ‘आंध्रा किंग तालुका’ (राम पोथिनेनी, भाग्यश्री बोरसे और कन्नड़ सुपरस्टार उपेंद्र स्टारर) रिलीज हुई है। इसी फिल्म के प्रमोशन के दौरान एक प्रेस मीट में उनसे सीधा सवाल पूछा गया –
क्या टॉलीवुड के टॉप स्टार्स को पता है कि उनकी ऊंची फीस प्रोड्यूसर्स पर कितना दबाव डाल रही है? क्या कभी किसी स्टार ने समझदारी दिखाई?
प्रोड्यूसर रवि शंकर ने मुस्कुराते हुए जो जवाब दिया, वो सुनकर हर कोई हैरान रह गया। उन्होंने एक-एक करके टॉलीवुड के सभी बड़े सितारों का नाम लिया और बताया कि ये सितारे असल जिंदगी में कितने जमीनी और समझदार हैं।
राम चरण और महेश बाबू ने एक-एक साल तक रोकी अपनी फीस
रवि शंकर ने बताया, “रंगस्थलम (2018) रिलीज होने के ठीक पहले राम चरण का अभी भी 4 करोड़ रुपये बकाया था। उन्होंने कहा – ‘कोई जल्दी नहीं, दो साल में आराम से किश्तों में दे देना।’ कोई ब्याज नहीं मांगा। इसी तरह महेश बाबू ने ‘सरकारु वारी पाटा’ (2022) रिलीज होने के एक साल बाद तक अपनी बची हुई फीस नहीं ली। ये सितारे समझते हैं कि प्रोड्यूसर पर क्या गुजर रही है।
चिरंजीवी, रवि तेजा, अल्लू अर्जुन भी पीछे नहीं
प्रोड्यूसर ने आगे कहा, “चिरंजीवी सर और रवि तेजा ने ‘वॉल्टेयर वीरय्या’ (2023) के लिए भी यही किया। उन्हें पता है कि आजकल OTT डील्स कैसे काम करती हैं, मार्केट कितना अनिश्चित हो गया है। इसलिए उन्होंने कहा – ‘जब पैसा आए, तब दे देना।’ कोई दबाव नहीं डाला। अल्लू अर्जुन ने ‘पुष्पा’ की बकाया रकम एक साल तक किश्तों में ली।
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उपेंद्र और राम पोथिनेनी ने तो हद कर दी
नई फिल्म ‘आंध्रा किंग तालुका’ की बात करते हुए रवि शंकर भावुक हो गए। उन्होंने बताया, “उपेंद्र सर ने पहले से तय अपनी फीस से बहुत कम में फिल्म साइन की। बोले – ‘जो बन पड़े, दे देना।’ और राम पोथिनेनी ने तो एक रुपया भी एडवांस नहीं लिया। उन्होंने सिर्फ निजाम और गुंटूर एरिया की प्रॉफिट शेयरिंग मांगी।
जूनियर एनटीआर, पवन कल्याण और प्रभास की दरियादिली
सबसे हैरान करने वाली बातें बाकी थीं। रवि शंकर ने कहा, “जूनियर एनटीआर ने एनटीआर-नील प्रोजेक्ट के लिए कहा – ‘जब पैसा हो, तभी देना।’ प्रभास ने ‘फौजी’ के लिए भी यही बात कही। और पवन कल्याण सर? कोई यकीन करेगा कि उन्होंने कहा – ‘अगर कुछ बच जाए, तभी दे देना!’ ये सितारे मार्केट को, प्रोडक्शन कॉस्ट को, बदलते नियमों को बखूबी समझते हैं।
अब गेम बदल गया है – कम दिन शूटिंग, कसा हुआ बजट
प्रोड्यूसर ने अंत में साफ कहा, “आज का खेल अलग है। अब जितना हो सके शूटिंग के दिन कम करने हैं, बजट को टाइट करना है। सितारे भी ये समझ रहे हैं। इसलिए वो अपनी फीस को रिवाइज कर रहे हैं, प्रॉफिट शेयरिंग मॉडल अपना रहे हैं। ये बोझ नहीं, पार्टनरशिप है।”
सितारे बोझ नहीं, सहारा हैं
रवि शंकर का ये बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग लिख रहे हैं – “ये सितारे असली हीरो हैं, सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, असल जिंदगी में भी।” एक तरफ जहां बॉलीवुड में अक्सर प्रोड्यूसर्स और स्टार्स की फीस को लेकर विवाद होते रहते हैं, वहीं टॉलीवुड के मेगा स्टार्स चुपचाप समझदारी दिखा रहे हैं।
तो अगली बार जब कोई कहे कि “महेश बाबू-अल्लू अर्जुन की फीस ने इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया”, तब ये खबर जरूर याद रखिएगा। टॉलीवुड के सितारे सिर्फ महंगे नहीं, समझदार और जिम्मेदार भी हैं। यही वजह है कि तेलुगु सिनेमा आज पैन-इंडिया लेवल पर राज कर रहा है।
