इंडिगो की 1000+ फ्लाइट्स पिछले 4 दिनों में कैंसल, दिल्ली-बेंगलुरु-हैदराबाद में हाहाकार! नए पायलट थकान नियम (FDTL) ने मचाया बवाल, पायलटों का गुस्सा, यात्री 12-12 घंटे फंसे। क्या ये संकट कंपनी को दिवालिया कर देगा? 2026 तक मांगा समय, मैनेजमेंट की गलतियाँ और पूरा सच जानिए। लेटेस्ट अपडेट दिसंबर 2025।
पिछले चार दिनों से देशभर के एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल है। IndiGo की हजारों फ्लाइट्स कैंसल हो चुकी हैं, लाखों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं, घंटों लाइन में लगे हैं, गुस्सा और बेबसी साफ दिख रही है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने तो DGCA से फरवरी 10, 2026 तक का समय मांगा है ताकि अपनी ऑपरेशंस को पूरी तरह स्थिर कर सके। तब तक कंपनी आने वाले कुछ दिनों में और फ्लाइट्स कम करने वाली है ताकि नुकसान को कंट्रोल किया जा सके।
आखिर क्या हो रहा है IndiGo में?
पिछले चार दिनों में इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल हो चुकी हैं। दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे बड़े हब सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सिर्फ शुक्रवार को ही दिल्ली में 135 डिपार्चर और 90 अराइवल फ्लाइट्स कैंसल हुईं। बेंगलुरु में 50 डिपार्चर और 52 अराइवल, हैदराबाद में 92 फ्लाइट्स रद्द हुईं। पिछले 48 घंटों में ही 600 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल हुईं – ये इंडिगो के 20 साल के इतिहास में सबसे बड़ा ऑपरेशनल संकट है। बुधवार को इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस महज 19.7% रह गया, जो आमतौर पर सबसे अच्छा रहता था।
IndiGo गड़बड़ी का असली वजह क्या है?
IndiGo ने इसे “अनप्रेडिक्टेबल ऑपरेशनल चैलेंजेस” बताया है – जैसे मामूली टेक्निकल गड़बड़ी, विंटर शेड्यूल चेंज, एयरपोर्ट कंजेशन और मौसम। लेकिन एविएशन एक्सपर्ट्स और पायलट्स की राय कुछ और है। मेन वजह है – नई FDTL नियम (Flight Duty Time Limitations) का सख्ती से लागू होना।
जनवरी 2024 में ये नए नियम आए थे, लेकिन अब जाकर इनकी सख्ती से पालना शुरू हुई है। इसके तहत:
- पायलट-केबिन क्रू को हफ्ते में 48 घंटे की अनिवार्य रेस्ट (पहले 36 घंटे थी)
- नाइट ड्यूटी का समय बढ़ाया गया (रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक)
- एक पायलट हफ्ते में सिर्फ 2 नाइट लैंडिंग कर सकता है
- रात में अधिकतम 8 घंटे ही उड़ान भर सकते हैं
26 अक्टूबर से विंटर शेड्यूल शुरू होते ही इंडिगो ने कई रूट्स पर फ्रिक्वेंसी बढ़ा दी। उसी समय Airbus A320 के एक सॉफ्टवेयर एडवाइजरी की वजह से वीकेंड पर देरी शुरू हुई। देरी इतनी बढ़ी कि कई फ्लाइट्स मिडनाइट के बाद पहुंचने लगीं। जैसे ही नाइट ड्यूटी लिमिट क्रॉस हुई, नए नियम के तहत पायलट्स को जबरन रेस्ट पर भेज दिया गया। नतीजा – कैंसिलेशन का सिलसिला शुरू हो गया।
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IndiGo का साइज ही उसकी कमजोरी बन गया
IndiGo रोजाना 2200 से ज्यादा फ्लाइट्स ऑपरेट करती है – एयर इंडिया से लगभग दोगुनी। इसका मतलब अगर 10% भी दिक्कत आए तो 200-400 फ्लाइट्स प्रभावित होती हैं, यानी हजारों यात्री फंसते हैं। छोटी-सी प्लानिंग गलती भी बड़ा संकट बन जाती है।
पायलट्स क्यों गुस्से में हैं?
पायलट यूनियन्स का साफ आरोप है कि मैनेजमेंट को पहले से पता था कि नए नियम आने वाले हैं, फिर भी तैयारियां नहीं की गईं:
- लंबे समय तक पायलटों की भर्ती पर रोक लगी रही
- कॉस्ट कटिंग के चक्कर में हमेशा “लीन मैनपावर” रखा गया
- दूसरी एयरलाइंस से पायलट न लाने का अनौपचारिक समझौता
- सैलरी फ्रीज
- विंटर शेड्यूल बनाते वक्त नए रेस्ट नियमों को नजरअंदाज कर दिया गया
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स का कहना है कि बाकी एयरलाइंस (जैसे एयर इंडिया, विस्तारा, स्पाइसजेट) ने पहले से तैयारी कर ली थी, इसलिए वो लगभग सामान्य चल रही हैं। कुछ पायलट्स को तो शक है कि जानबूझकर इतना बड़ा संकट पैदा किया जा रहा है ताकि DGCA से FDTL नियमों में छूट मिल जाए – जो सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है।
IndiGo यात्रियों की हालत बद से बदतर
12 घंटे तक हर दो घंटे में बोला गया - बस दो घंटे और.. अंत में फ्लाइट कैंसल। न होटल दिया, न खाना”, हैदराबाद के एक यात्री ने बताया। बेंगलुरु में एक पैसेंजर ने पूरी रात एयरपोर्ट पर गुजारी, फिर सुबह फ्लाइट कैंसल हो गई।
कब तक सुधरेगा हाल?
इंडिगो ने DGCA से फरवरी 2026 तक का समय मांगा है। तब तक वो अपनी कुछ फ्लाइट्स कम कर रही है ताकि बचा हुआ नेटवर्क संभाल सके। कंपनी बार-बार माफी मांग रही है और यात्रियों से कह रही है कि:
- घर से निकलने से पहले फ्लाइट स्टेटस जरूर चेक करें
- जरूरी सामान साथ रखें
- फ्लेक्सिबल या रिफंडेबल टिकट बुक करें
पायलट यूनियन्स ने DGCA से मांग की है कि अब किसी भी एयरलाइन का शेड्यूल तभी अप्रूव किया जाए जब वो साबित कर दे कि नए नियमों के तहत पर्याप्त क्रू उपलब्ध हैं।
पिछले साल इंडिगो ने 11.8 करोड़ यात्रियों को उड़ाया था। लो-कॉस्ट, हाई-फ्रिक्वेंसी मॉडल पर तेजी से बढ़ने वाली ये कंपनी आज उसी सक्सेस की कीमत चुका रही है। नए सुरक्षा नियमों के साथ इतनी आक्रामक ग्रोथ तभी संभव है जब स्टाफिंग भी उतनी ही तेजी से बढ़े। अभी के लिए तो आसमान में उथल-पुथल बरकरार है और देश की नंबर-1 एयरलाइन अपने इतिहास के सबसे बड़े ऑपरेशनल संकट से जूझ रही है।
यात्री परेशान हैं, पायलट गुस्से में हैं, और इंडिगो के सामने अब एक ही रास्ता है - या तो फ्लाइट्स कम करो, या तेजी से पायलट्स भर्ती करो। वरना ये संकट और लंबा खिंच सकता है।
