गोवा नाइटक्लब हादसा: बेसमेंट में दम घुटने से सबसे ज्यादा मौतें, मालिक के खिलाफ FIR

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 गोवा नाइटक्लब में आग लगने की घटना: क्या हुआ, क्यों फायर इंजन 400 मीटर दूर खड़े रहे? कई बड़े सवाल अभी अनुत्तरित.

Goa Birch by Romeo Lane nightclub fire: massive flames engulf the structure in Arpora, 25 dead, country


गोवा के नॉर्थ गोवा के अर्पोरा इलाके में स्थित मशहूर नाइटक्लब “Birch by Romeo Lane” में रविवार देर रात भीषण आग लग गई। इस हादसे में अब तक कम से कम 25 लोगों की मौत हो चुकी है और 6 लोग घायल हैं। यह गोवा के इतिहास की सबसे भयावह फायर ट्रैजडी में से एक है।

क्लब में उस रात वीकेंड की भीड़ थी। इमारत कथित तौर पर ज्वलनशील सामग्री (पाम-लीफ यानी ताड़ के पत्तों वाली अस्थायी संरचना) से बनी थी और वहाँ पहुंचने का सिर्फ एक संकरा रास्ता था। भागने के रास्ते भी बेहद सीमित थे।


आग कैसे और क्यों लगी?

अभी तक आधिकारिक तौर पर आग का कारण पता नहीं चल सका है। पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की जांच चल रही है।

गोवा पुलिस के डीजीपी अलोक कुमार के शुरुआती बयान के मुताबिक, सिलेंडर फटने (cylinder blast) से आग शुरू हुई हो सकती है।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, “प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आग ऊपरी मंजिल से शुरू हुई। दरवाजे संकरे और भीड़भाड़ वाले थे, इसलिए लोग बाहर नहीं निकल पाए। कई लोग अंडरग्राउंड एरिया (बेसमेंट) में चले गए, जहाँ वेंटिलेशन बिल्कुल नहीं था। वहाँ ज्यादातर लोग दम घुटने से मारे गए।”

पुलिस के अनुसार, तीन लोगों की मौत सीधे जलने से हुई, बाकी सबकी मौत धुएं से दम घुटने (smoke inhalation) की वजह से हुई। मरने वालों में ज्यादातर स्टाफ मेंबर थे जो बेसमेंट में काम कर रहे थे। तीन महिलाएँ भी मृतकों में शामिल हैं।


फायर ब्रिगेड को 400 मीटर दूर क्यों रोकना पड़ा?

क्लब की लोकेशन बैकवाटर एरिया में थी और वहाँ तक पहुंचने का सिर्फ एक बहुत संकरा रास्ता था। इसके कारण फायर इंजन मौके से करीब 400 मीटर दूर ही रुक गए। सीनियर फायर ऑफिसर ने बताया कि इस वजह से आग पर काबू पाना और रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी देरी हुई।

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चश्मदीदों ने क्या बताया?

कई टूरिस्ट्स ने बताया कि आग सबसे पहले पहली मंजिल (डांस फ्लोर) पर दिखी, जहाँ उस वक्त करीब 100 लोग थे।

हैदराबाद से आई टूरिस्ट फातिमा शेख ने कहा, “अचानक धुआं और आग की लपटें दिखीं। हम बाहर भागे तो देखा पूरा ढांचा आग की लपटों में था। ताड़ के पत्तों की अस्थायी छत बहुत जल्दी आग पकड़ लेती है।”

अफरा-तफरी में कई लोग नीचे की तरफ भागे और किचन में फंस गए। वहाँ स्टाफ के साथ ही टूरिस्ट भी फंस गए और बाहर नहीं निकल पाए।


क्लब की लीगल स्थिति पर सवाल

  • अर्पोरा-नागोआ पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर ने बताया कि यह इमारत बिना निर्माण लाइसेंस के बनाई गई थी।
  • पंचायत ने शिकायत मिलने पर डिमॉलिशन नोटिस जारी किया था, लेकिन अपील के बाद उसे रोक दिया गया था।
  • क्लब के मालिक सौरभ लुथरा हैं। उनके और जनरल मैनेजरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है, गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हो चुके हैं।


सरकार का ऐक्शन

  • मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत रात 2 बजे मौके पर पहुंचे। उन्होंने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं।
  • सुबह 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन करके पूरी जानकारी ली और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
  • प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।

यह गोवा में इस तरह की पहली इतनी बड़ी आग की घटना है। जांच के बाद ही सारे सवालों के सही-सही जवाब मिल पाएंगे कि आखिर इतनी बड़ी त्रासदी कैसे हो गई।

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