इमरान हाशमी की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'ग्राउंड जीरो' आखिरकार 25 अप्रैल, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। तेजस प्रभा विजय देओस्कर के निर्देशन में बनी यह फिल्म सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वीर अधिकारी नरेंद्र नाथ दुबे की साहसिक कहानी पर आधारित है, जिन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। यह फिल्म 2001 में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी सरगना राना ताहिर नदीम उर्फ गाजी बाबा के खिलाफ बीएसएफ के ऐतिहासिक ऑपरेशन को दर्शाती है। कश्मीर में आतंकवाद के चरम दौर की पृष्ठभूमि पर आधारित यह फिल्म न केवल देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करती है, बल्कि कश्मीर की खूबसूरती और वहां के जटिल सामाजिक-राजनीतिक हालात को भी प्रभावी ढंग से पेश करती है।
ग्राउंड जीरो फिल्म की कहानी और थीम क्या है
'ग्राउंड जीरो' की कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित है, जो 2001 के उस दौर को दर्शाती है जब कश्मीर आतंकवाद की चपेट में था। यह फिल्म बीएसएफ कमांडेंट नरेंद्र नाथ दुबे के नेतृत्व में गाजी बाबा के खिलाफ किए गए एक गुप्त ऑपरेशन की कहानी है। गाजी बाबा, जो 2001 के संसद हमले और अक्षरधाम मंदिर हमले का मास्टरमाइंड था, उस समय दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादियों में से एक था। फिल्म में इस ऑपरेशन को हाई-ऑक्टेन ड्रामा और सिनेमाई गहराई के साथ पेश किया गया है।
फिल्म का कथानक केवल एक सैन्य ऑपरेशन तक सीमित नहीं है; यह कश्मीर की खूबसूरती और वहां के लोगों की जिंदगी को भी दर्शाता है। यह फिल्म दर्शकों को उस दौर की याद दिलाती है जब आतंकवाद ने कश्मीर की शांति को भंग किया था, और साथ ही यह बीएसएफ जवानों की बहादुरी और बलिदान को श्रद्धांजलि देती है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले (22 अप्रैल, 2025) के बाद, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, यह फिल्म और भी प्रासंगिक हो गई है। यह देशवासियों के गुस्से और दुख को प्रतिबिंबित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश देती है।
ग्राउंड जीरो फिल्म में इमरान हाशमी का नया रूप केसा है
इमरान हाशमी, जिन्हें बॉलीवुड में 'सीरियल किसर' के तौर पर जाना जाता था, इस फिल्म में एक गंभीर और देशभक्त बीएसएफ कमांडेंट के किरदार में नजर आए हैं। यह किरदार उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि उन्होंने इससे पहले ज्यादातर रोमांटिक और थ्रिलर फिल्मों में काम किया था। 'ग्राउंड जीरो' में उनकी परफॉर्मेंस को विशेष स्क्रीनिंग में देखने वाले दर्शकों और समीक्षकों ने खूब सराहा है।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, "आतंकवाद के खिलाफ ग्राउंड जीरो की कहानी बहुत दमदार है। इसकी कहानी मौजूदा दौर से जुड़ी हुई महसूस होती है। इमरान हाशमी ने इसमें जबरदस्त रोल अदा किया है।" उनकी गंभीर अभिनय शैली, डायलॉग डिलीवरी, और किरदार में गहराई ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। इमरान ने इस फिल्म के लिए बीएसएफ के साथ मिलकर काम किया और उनके अनुभवों को स्क्रिप्ट में शामिल किया, जिससे किरदार और भी वास्तविक लगता है।
ग्राउंड जीरो फिल्म में इमरान हाशमी के साथ कोन कोन कलाकार थे
फिल्म में इमरान हाशमी के साथ सई ताम्हणकर, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, दीपक परमेश, ललित प्रभाकर, और रॉकी रैना जैसे प्रतिभाशाली कलाकार हैं। सई ताम्हणकर और जोया हुसैन के किरदारों को भी दर्शकों ने सराहा है। एक यूजर ने लिखा, "जोया हुसैन और साई ताम्हणकर का किरदार भी अच्छा है। स्क्रीनप्ले भी अच्छा है।"
तेजस प्रभा विजय देओस्कर का निर्देशन इस फिल्म की रीढ़ है। उन्होंने कश्मीर के खूबसूरत लोकेशंस को कैमरे में बखूबी कैद किया है, साथ ही एक्शन सीक्वेंस और इमोशनल मूवमेंट्स को संतुलित रखा है। फिल्म का स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स दर्शकों को बांधे रखते हैं। एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "निर्देशक तेजस और टीम का काम अच्छा है। कश्मीर भारत में है और यह फिल्म हम सभी को हमारी खूबसूरत धरती की याद दिलाती है। बहुत बढ़िया काम है। जय हिंद।"
फिल्म का प्रोडक्शन एक्सेल एंटरटेनमेंट के रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर ने किया है, जबकि अभिषेक कुमार, कासिम जगमगिया, और अन्य सह-निर्माताओं का योगदान भी सराहनीय है। सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म के मूड को और प्रभावशाली बनाते हैं।
ग्राउंड जीरो फिल्म का सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं कैसा है
'ग्राउंड जीरो' की विशेष स्क्रीनिंग दिल्ली और श्रीनगर में आयोजित की गई थी। श्रीनगर में यह फिल्म 38 साल बाद पहली बार रेड-कार्पेट प्रीमियर के साथ प्रदर्शित हुई, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना थी। इस स्क्रीनिंग में बीएसएफ जवानों, इमरान हाशमी, और फिल्म की टीम ने हिस्सा लिया। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने फिल्म को लेकर उत्साह दिखाया है।
हालांकि, कुछ नकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। एक यूजर ने इसे "बी-ग्रेड एक्शन थ्रिलर" और "फर्जी प्रोपेगैंडा फिल्म" करार दिया, लेकिन ऐसी टिप्पणियां अल्पसंख्यक में हैं। ज्यादातर यूजर्स ने फिल्म की कहानी, अभिनय, और देशभक्ति की भावना की तारीफ की है।
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ग्राउंड जीरो' फिल्म की बॉक्स ऑफिस कैसा हो सकता है
'ग्राउंड जीरो' का रिलीज टाइमिंग बेहद महत्वपूर्ण है। पहलगाम हमले के बाद देश में आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा और एकजुटता का माहौल है। यह फिल्म दर्शकों की भावनाओं से जुड़ने में सक्षम है, क्योंकि यह न केवल एक सैन्य ऑपरेशन की कहानी है, बल्कि देश के लिए बलिदान देने वाले जवानों की वीरता को भी दर्शाती है।
इमरान हाशमी की पिछली कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थीं, लेकिन 'ग्राउंड जीरो' के ट्रेलर और प्रीमियर रिव्यूज ने दर्शकों में उत्साह पैदा किया है। फिल्म का ट्रेलर पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, और प्रीमियर में शामिल हाई-प्रोफाइल हस्तियों जैसे रविशंकर प्रसाद और राजीव शुक्ला ने इसकी तारीफ की है। रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यह फिल्म बहुत अच्छी बनी है और BSF ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए जो काम किया है, इसमें उसे बहुत अच्छे से दिखाया है।"
फिल्म का बजट मध्यम स्तर का बताया जा रहा है, और इसे देशभक्ति से प्रेरित दर्शकों के बीच अच्छी ओपनिंग मिलने की उम्मीद है। कश्मीर में शूटिंग और वहां की वास्तविकता को दिखाने के कारण यह फिल्म स्थानीय दर्शकों को भी आकर्षित कर सकती है। शुरुआती रुझानों से लगता है कि यह फिल्म पहले वीकेंड में 20-30 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर सकती है, और अगर वर्ड-ऑफ-माउथ मजबूत रहा तो यह 100 करोड़ क्लब में शामिल हो सकती है।
'ग्राउंड जीरो' एक ऐसी फिल्म है जो न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि देश के लिए बलिदान देने वाले जवानों की कहानी को गर्व के साथ प्रस्तुत करती है। इमरान हाशमी का नया अवतार, तेजस देओस्कर का संवेदनशील निर्देशन, और कश्मीर की पृष्ठभूमि इस फिल्म को खास बनाती है। सोशल मीडिया पर मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रियाएं और वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक माहौल इसे बॉक्स ऑफिस पर सफलता की ओर ले जा सकता है।
यह फिल्म उन सभी के लिए जरूर देखने लायक है जो देशभक्ति, एक्शन, और सच्ची कहानियों के प्रशंसक हैं। 'ग्राउंड जीरो' न केवल गाजी बाबा जैसे आतंकियों के अंत की कहानी है, बल्कि यह भारत की अखंडता और बीएसएफ की वीरता का उत्सव है। जय हिंद!