कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 में भारतीय सिनेमा ने एक बार फिर अपनी छाप छोड़ी। नीरज घायवान की नवीनतम फिल्म Homebound , जिसमें Janhvi Kapoor, ईशान खट्टर और विशाल जेठवा मुख्य भूमिकाओं में हैं, ने न केवल दर्शकों का दिल जीता बल्कि नौ मिनट की स्टैंडिंग ओवेशन भी हासिल की। यह फिल्म, जिसे मार्टिन स्कॉर्से ने एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के रूप में समर्थन दिया और करण जौहर, सोमेन मिश्रा, अपूर्व मेहता और अदर पूनावाला ने प्रोड्यूस किया, एक गहरी भावनात्मक कहानी है जो दर्शकों को रुलाने और सोचने पर मजबूर करती है।

Homebound की कहानी: दोस्ती और सपनों का संघर्ष
Homebound की कहानी उत्तर भारत के एक छोटे से गांव के दो दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो पुलिस की नौकरी पाने के लिए संघर्ष करते हैं। यह नौकरी उनके लिए केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि सम्मान और पहचान हासिल करने का जरिया है। लेकिन जैसे-जैसे उनकी यात्रा आगे बढ़ती है, उनकी दोस्ती और सपनों के बीच तनाव बढ़ता जाता है। यह कहानी न केवल व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक दबावों को भी उजागर करती है जो छोटे शहरों और गांवों के युवाओं को झेलने पड़ते हैं।
फिल्म का कथानक इतना प्रभावशाली है कि यह दर्शकों को एक गहरे भावनात्मक और अस्तित्वगत संकट में ले जाता है। जाह्नवी कपूर ने एक साक्षात्कार में सुचारिता त्यागी को बताया कि कांस में फिल्म के प्रीमियर के बाद सिनेमाघर में मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। “यह कोई हल्की-फुल्की सिसकियां नहीं थीं। लोग जोर-जोर से रो रहे थे। मुझे लगता है कि उस हॉल में लोगों को एक तरह का अस्तित्वगत संकट महसूस हुआ, और मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगा,” Janhvi Kapoor ने कहा।
Janhvi Kapoor का भावनात्मक अनुभव
Janhvi Kapoor ने साझा किया कि प्रीमियर के बाद वह अपने परिवार से जानबूझकर दूर रही, क्योंकि वह जानती थीं कि उनकी प्रतिक्रियाएं उन्हें और रुला देंगी। “मैंने सबसे मुलाकात की, लेकिन जब मैंने अपने पिता (बोनी कपूर) को देखा, वह जोर-जोर से रो रहे थे। मैंने उन्हें इतने भावुक हाल में बहुत समय बाद देखा। मेरी बहन खुशी की आंखें भी लाल थीं। मैंने सोचा कि अगर मैं उनके पास गई, तो मैं फिर से रोने लगूंगी।” जाह्नवी ने यह भी बताया कि बोनी कपूर का इस फिल्म के प्रति रिएक्शन इतना गहरा था कि उन्होंने शायद ही किसी अन्य कला के प्रति इतनी तीव्र भावनाएं दिखाई हों।
Janhvi ने यह भी खुलासा किया कि वह खुद फिल्म के एक पिछले कट को देखकर इतना रोई थीं कि निर्देशक नीरज घायवान, जो स्वयं बहुत संवेदनशील व्यक्ति हैं, ने उनसे पूछा, “इतना क्यों रो रही हो?” प्रीमियर के दिन Janhvi Kapoor ने खुद को रोने से रोकने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही कहानी का एक खास मोड़ आया, वह और उनके सह-कलाकार विशाल जेठवा दोनों भावनाओं में बह गए।
कांस में मिला अपार प्यार
कांस फिल्म फेस्टिवल में होमबाउंड को मिली प्रतिक्रिया इस फिल्म की गहराई और प्रभाव को दर्शाती है। नौ मिनट की स्टैंडिंग ओवेशन अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, जो यह दर्शाती है कि फिल्म ने न केवल भारतीय दर्शकों बल्कि वैश्विक सिनेमा प्रेमियों को भी छुआ। नीरज घायवान, जिन्हें मसान जैसी फिल्मों के लिए पहले से ही सराहना मिल चुकी है, ने इस फिल्म के जरिए एक बार फिर साबित किया कि वह मानवीय भावनाओं को स्क्रीन पर बखूबी उतार सकते हैं।
फिल्म में ईशान खट्टर और विशाल जेठवा की अभिनय क्षमता ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा। दोनों कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में जान डाल दी, और उनकी केमिस्ट्री कहानी को और गहराई देती है। Janhvi Kapoor ने भी इस फिल्म में अपने अभिनय से एक नया आयाम जोड़ा, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकता है।
मार्टिन स्कॉर्से और करण जौहर का योगदान
होमबाउंड को मार्टिन स्कॉर्से जैसे दिग्गज फिल्मकार का समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने इसे एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के रूप में सपोर्ट किया। वहीं, करण जौहर, अपूर्व मेहता, सोमेन मिश्रा और अदर पूनावाला ने प्रोड्यूसर के रूप में इस प्रोजेक्ट को मजबूती दी। यह संयोजन न केवल फिल्म की गुणवत्ता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय और वैश्विक सिनेमा के बीच एक सेतु का काम करता है।
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क्यों देखें Homebound ?
Homebound केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा है जो दर्शकों को अपने साथ ले जाती है। यह फिल्म दोस्ती, सपनों, और सामाजिक दबावों की जटिलताओं को दर्शाती है। नीरज घायवान की संवेदनशील कहानी कहने की शैली, शानदार अभिनय, और मजबूत प्रोडक्शन वैल्यू इस फिल्म को एक यादगार अनुभव बनाते हैं।
Janhvi Kapoor के शब्दों में, “यह फिल्म आपको रुलाएगी, सोचने पर मजबूर करेगी, और शायद आपके अंदर कुछ गहरे सवाल छोड़ जाएगी।” अगर आप ऐसी फिल्म की तलाश में हैं जो आपके दिल को छू ले और आपको एक नई नजर से जीवन को देखने के लिए प्रेरित करे, तो होमबाउंड आपके लिए एकदम सही है।
Homebound भारतीय सिनेमा के लिए एक गर्व का क्षण है। कांस जैसे प्रतिष्ठित मंच पर इसकी सफलता न केवल नीरज घायवान और उनकी टीम के लिए, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि दर्शकों को एक गहरे भावनात्मक अनुभव से जोड़ती है। अगर आप इसे देखने का मौका पाते हैं, तो टिश्यू बॉक्स तैयार रखें, क्योंकि यह फिल्म आपके दिल को जरूर छू लेगी।