Pakistani अभिनेताओं को हिंदी फिल्मों के पोस्टर से हटाया गया

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक नया विवाद सामने आया है। हिंदी फिल्मों में काम करने वाले Pakistani अभिनेताओं, जैसे महिरा खान और फवाद खान, को उनकी फिल्मों के म्यूजिक प्लेटफॉर्म के पोस्टर से हटा दिया गया है। यह कदम मवरा होकेन के हालिया हटाए जाने के बाद उठाया गया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि भारत में Pakistani कलाकारों के प्रति रवैया कड़ा हो रहा है।

Pakistani actors Mahira and Fawad removed from posters of Hindi films
महिरा और फवाद

Pakistani कलाकारों मवरा होकेन से शुरुआत, अब महिरा और फवाद भी हटे

सोमवार को यह देखा गया कि मवरा होकेन की फिल्म सनम तेरी कसम के एल्बम कवर से उनकी तस्वीरें हटा दी गई हैं। स्पॉटिफाई और यूट्यूब म्यूजिक पर अब केवल हर्षवर्धन राणा ही नजर आ रहे हैं। इसी तरह, शाहरुख खान की फिल्म रईस के एल्बम कवर से महिरा खान की छवि को भी हटा दिया गया है, जहां पहले दोनों साथ दिखाई देते थे, वहां अब केवल शाहरुख खान ही बचे हैं।

फवाद खान के साथ भी यही हुआ है। उनकी फिल्म कपूर एंड संस का गाना बुद्धू सा मन यूट्यूब पर भारत में अब उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, सॉन्ग के पोस्टर से भी फवाद खान की तस्वीर हटा दी गई है। हालांकि, खूबसूरत जैसी फिल्मों के पोस्टर अभी भी पुराने वाले ही हैं, जहां फवाद और सोनम कपूर दिखाई दे रहे हैं।

 

निर्माताओं और कलाकारों की क्या है प्रतिक्रिया?

सनम तेरी कसम के निर्माता दीपक मुकुत ने इस बारे में कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझसे पूछा नहीं, यह उनका अपना फैसला है। हमारी सरकार जो कहेगी, सभी को मानना होगा।

वहीं, हर्षवर्धन राणा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अब लोग कहेंगे कि मेरी पीआर टीम ने यह करवाया! नहीं, यह सामान्य समझदारी है, अब ऐसे ही फैसले लिए जाएंगे।

और पढ़ें: ग्राउंड जीरो: इमरान हाशमी की फिल्म का प्रभावशाली रिव्यू और बॉक्स ऑफिस संभावनाएं

 

भारत-पाक तनाव का असर मनोरंजन जगत पर

यह कोई पहली बार नहीं है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का असर बॉलीवुड और मनोरंजन उद्योग पर पड़ा है। 2016 में उरी हमले के बाद भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी थी। उस समय महिरा खान की फिल्म रईस और फवाद खान की एजेंट विनोद पर विवाद हुआ था।

इस बार पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तानी कंटेंट को भारतीय ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बैन कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा कि भारत अब पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर नई नीति बन गई है।

 

क्या यह फैसला सही है?

इस मामले पर दो तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। एक तरफ जहां कुछ लोग इसे देशभक्ति और सुरक्षा के लिहाज से सही मान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि कला और राजनीति को एक साथ नहीं मिलाना चाहिए।

समर्थकों के तर्क:

  • Pakistani कलाकारों को भारत में काम करने से रोकना सही है क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
  • भारतीय कलाकारों को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  • यह सरकार की नीति का हिस्सा है और देशहित में है।

विरोधियों के तर्क:

  • कला का कोई देश नहीं होता, इसे राजनीति से जोड़ना गलत है।
  • Pakistani कलाकारों ने भारतीय फिल्मों में बेहतरीन काम किया है, उन्हें हटाने से फिल्मों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
  • इस तरह के फैसले से भारत की उदार छवि को नुकसान पहुंच सकता है।

भारत और Pakistan के बीच राजनीतिक तनाव का असर अब मनोरंजन उद्योग पर भी दिखने लगा है। पाकिस्तानी कलाकारों को हिंदी फिल्मों से हटाने का फैसला कितना सही है, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन यह साफ है कि दोनों देशों के रिश्ते अभी जल्द सुधरने वाले नहीं हैं। अगर यही रुझान रहा, तो आने वाले समय में और भी पाकिस्तानी कलाकारों को भारतीय प्रोजेक्ट्स से हटाया जा सकता है।

क्या आपको लगता है कि पाकिस्तानी कलाकारों को हिंदी फिल्मों से हटाना सही है? कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं।

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Scroll to Top