विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, अमेरिका और चीन, के बीच चल रहा टैरिफ विवाद (US-China Tariff Row) एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ फोन पर बात की, जो इस तनावपूर्ण व्यापारिक रिश्ते में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह कॉल ट्रम्प के ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ घोषणा के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली प्रत्यक्ष बातचीत थी। इस लेख में हम इस फोन कॉल के महत्व, इसके पृष्ठभूमि, और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के नवीनतम घटनाक्रमों का विश्लेषण करेंगे।

Trump और Jinping की फोन कॉल एक नजर
5 जून 2025 को, Donald Trump ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि वह हमेशा से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पसंद करते हैं, लेकिन उनके साथ सौदा करना “बेहद मुश्किल” है। इस पोस्ट के एक दिन बाद, गुरुवार को, दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई। चीनी सरकारी मीडिया, शिन्हुआ के अनुसार, यह कॉल व्हाइट हाउस के अनुरोध पर हुई थी। हालांकि, इस बातचीत के विवरण को सार्वजनिक नहीं किया गया है, जिससे इसकी प्रकृति और परिणामों को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
ट्रम्प ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मैं चीन के राष्ट्रपति शी को हमेशा पसंद करता हूँ और हमेशा करूँगा, लेकिन वह बहुत कठिन हैं और उनके साथ सौदा करना बेहद मुश्किल है!!!”
यह कॉल ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर है। ट्रम्प प्रशासन ने हाल ही में कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिन्हें चीन ने “भेदभावपूर्ण और अनुचित” करार दिया है।
अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद का इतिहास
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की शुरुआत ट्रम्प के पहले कार्यकाल से हुई थी, लेकिन 2025 में यह और तेज हो गया। अप्रैल 2025 में, Donald Trump ने चीन से आयातित सामानों पर 145% तक टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसे उन्होंने ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ का नाम दिया। जवाब में, चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ लागू करके पलटवार किया।
हालांकि, मई 2025 में जिनेवा में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने एक समझौता किया, जिसके तहत अमेरिका ने अपने टैरिफ को 145% से घटाकर 30% और चीन ने अपने टैरिफ को 125% से घटाकर 10% कर दिया। इस समझौते ने कुछ समय के लिए तनाव को कम किया, लेकिन हाल के हफ्तों में व्यापार वार्ताएँ फिर से ठप हो गई हैं।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में अमेरिका पर इस समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने शिन्हुआ को बताया, “अमेरिका ने कई भेदभावपूर्ण प्रतिबंधात्मक उपाय किए हैं, जैसे कि एआई चिप निर्यात नियंत्रण, चिप डिज़ाइन सॉफ्टवेयर की बिक्री पर रोक, और चीनी छात्रों के वीजा रद्द करना।” प्रवक्ता ने आगे कहा, “अपने कार्यों पर विचार करने के बजाय, अमेरिका ने बिना किसी आधार के चीन पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया, जो तथ्यों को पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश करता है।
Trump और Xi के बीच फोन कॉल का महत्व और संभावित प्रभाव
यह फोन कॉल कई मायनों में महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह ट्रम्प और शी के बीच सीधे संवाद का पहला उदाहरण है, जो इस बात का संकेत देता है कि दोनों पक्ष इस गतिरोध को हल करने के लिए उच्च-स्तरीय हस्तक्षेप की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। ट्रम्प का यह दावा कि वह शी को “पसंद करते हैं” और उनके साथ “अच्छा सौदा” करना चाहते हैं, उनके उस दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें वह व्यक्तिगत संबंधों के माध्यम से जटिल समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कॉल तनाव को कम करने में तुरंत कोई बड़ा बदलाव नहीं लाएगी। हैरी ब्रॉडमैन, जो जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश और बिल क्लिंटन प्रशासन में सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रह चुके हैं, ने कहा, “ट्रम्प एक डील मेकर हैं, लेकिन शी जिनपिंग एक डील मेकर नहीं हैं। वह एक प्रशासनिक ढांचे के शीर्ष पर बैठे पार्टी लीडर हैं।” ब्रॉडमैन का मानना है कि शी इस कॉल में कोई ठोस समझौता करने के बजाय सिद्धांतों पर सहमति तक सीमित रह सकते हैं।
इसके अलावा, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इस कॉल का समय महत्वपूर्ण है। ट्रम्प की ओर से टैरिफ में छूट और अन्य देशों के साथ व्यापार सौदों की बातचीत ने चीन पर दबाव बढ़ाया है। दूसरी ओर, चीन ने भी अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध और अमेरिकी फिल्मों पर प्रतिबंध।
अमेरिका और चीन के वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
अमेरिका और चीन के बीच यह व्यापार युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है। दोनों देश विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ हैं, और उनके बीच व्यापारिक तनाव का असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, स्टॉक मार्केट, और उपभोक्ता कीमतों पर पड़ रहा है। अप्रैल 2025 में टैरिफ बढ़ने के बाद अमेरिकी स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखी गई थी, और ट्रम्प द्वारा कुछ टैरिफ में छूट देने के बाद भी अनिश्चितता बनी हुई है।
चीन की ओर से भी आर्थिक दबाव बढ़ रहा है। नोमुरा इनवेस्टमेंट बैंक ने चेतावनी दी है कि इस व्यापार युद्ध के कारण चीन में 1.6 करोड़ नौकरियाँ खतरे में पड़ सकती हैं। इसके जवाब में, चीनी सेंट्रल बैंक ने हाल ही में नए मौद्रिक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की है।
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Trump और शी भविष्य की संभावनाएँ
Donald Trump और शी की इस फोन कॉल ने भविष्य की वार्ताओं के लिए एक आधार तैयार किया है, लेकिन इसका तत्काल प्रभाव सीमित हो सकता है। ट्रम्प (Trump) का दृष्टिकोण स्पष्ट है: वह व्यक्तिगत बातचीत के माध्यम से बड़े सौदे करना चाहते हैं। दूसरी ओर, शी जिनपिंग की रणनीति अधिक सतर्क और दीर्घकालिक है। वह अपने देश की जनता को यह दिखाना चाहते हैं कि चीन किसी भी “अनुचित दबाव” के सामने नहीं झुकेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि इस गतिरोध को हल करने के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता पड़ सकती है। यूरोपीय देश, सिंगापुर, या वियतनाम जैसे देश इस भूमिका को निभा सकते हैं। हालांकि, ट्रम्प और शी के बीच सीधे संवाद की कमी और दोनों पक्षों की कठोर नीतियाँ इस प्रक्रिया को जटिल बना रही हैं।
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ विवाद विश्व अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा जोखिम बना हुआ है। Donald Trump और शी जिनपिंग की हालिया फोन कॉल ने इस दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया है, लेकिन इसका परिणाम अभी अनिश्चित है। दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत और रणनीतिक दृष्टिकोण में अंतर इस विवाद को और जटिल बना रहा है। वैश्विक समुदाय अब इस बात पर नजर रखे हुए है कि क्या यह कॉल दोनों देशों के बीच तनाव को कम कर पाएगी, या यह व्यापार युद्ध और गहरा होगा।