इंग्लैंड लायंस और इंडिया-ए के बीच खेले जा रहे दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट मैच में एक बड़ा विवाद तब देखने को मिला जब Yashasvi Jaiswal को अंपायर ने एलबीडब्ल्यू आउट दिया। जायसवाल इस फैसले से बेहद नाराज नजर आए। यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और अंपायरिंग पर सवाल उठने लगे।

मैच का मैदान गरम, अंपायर का फैसला सवालों के घेरे में
इंडिया ए और इंग्लैंड लायंस के बीच चल रही अनऑफिशियल टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला 6 जून से नॉर्थेम्प्टन के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जा रहा है। क्रिकेट के चाहने वालों के लिए ये मुकाबला किसी आधिकारिक टेस्ट से कम नहीं, क्योंकि दोनों टीमों में ऐसे खिलाड़ी मौजूद हैं, जो आने वाले समय में अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने को तैयार हैं। लेकिन इस मुकाबले का सबसे चर्चित मोमेंट तब आया, जब भारत के युवा सलामी बल्लेबाज v ने अंपायर के फैसले पर नाराजगी जताई और पवेलियन लौटने से इनकार कर दिया।
क्या हुआ Jaiswal के साथ?
पहली पारी में जब इंडिया-ए बल्लेबाजी कर रही थी, Yashasvi Jaiswal क्रीज पर सेट होने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कुछ खूबसूरत शॉट्स जरूर लगाए, लेकिन जब स्कोरबोर्ड पर उनका स्कोर 17 रन तक पहुंचा, तभी एक विवादित LBW निर्णय उनके लिए परेशानी बन गया।
मैच के अंपायर ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट करार दिया। लेकिन जायसवाल इस फैसले से बिल्कुल सहमत नहीं दिखे। उन्होंने न केवल निराशा जताई, बल्कि पवेलियन लौटने से मना कर दिया। उनके चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था – मानो वो कह रहे हों “मैं आउट नहीं हूं!” यह पल सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया, जहां फैंस ने Jaiswal का पक्ष लिया और अंपायर के फैसले पर सवाल उठाए।
क्रिकेट मैदान बना इमोशन का अखाड़ा
क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, भावना है। और जब एक युवा खिलाड़ी, जो टीम इंडिया के भविष्य के तौर पर देखा जा रहा हो, ऐसे किसी फैसले का शिकार होता है, तो उसका दर्द समझा जा सकता है। जायसवाल ने जिस तरह गुस्सा जाहिर किया, उससे यह साफ होता है कि वह हर रन, हर गेंद, हर फैसले के लिए कितने जुनूनी हैं।
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इंडिया-A का प्रदर्शन: केएल राहुल ने संभाली कमान
अगर टीम के ओवरऑल प्रदर्शन की बात करें, तो इंडिया-ए ने पहले दिन 7 विकेट के नुकसान पर 319 रन बना लिए थे। सबसे बड़ी बात ये रही कि अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल ने शानदार शतक जड़ा। चोट से वापसी कर रहे राहुल के लिए ये पारी आत्मविश्वास से भर देने वाली रही।
इस मुकाबले में अन्य खिलाड़ियों ने भी अच्छा योगदान दिया, लेकिन यशस्वी जायसवाल का आउट होना और फिर उस पर उनकी प्रतिक्रिया चर्चा का विषय बनी रही।
क्यों है ये घटना खास?
- युवा खिलाड़ी की मानसिकता: जायसवाल की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि नए दौर के खिलाड़ी किसी भी गलत फैसले को आंख मूंदकर नहीं स्वीकार करते।
- डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) की गैरमौजूदगी: चूंकि यह अनऑफिशियल टेस्ट है, इसलिए DRS उपलब्ध नहीं था, जिससे अंपायर का फैसला ही अंतिम था।
- सोशल मीडिया की ताकत: इस घटना ने फैंस को जोड़ दिया, जिन्होंने जायसवाल को सपोर्ट किया और अंपायरिंग पर सवाल उठाए।
क्या आगे से ऐसे फैसले रोके जा सकते हैं?
क्रिकेट को निष्पक्ष बनाए रखने के लिए तकनीक का सहारा लेना जरूरी है। भले ही ये मैच अनऑफिशियल हो, लेकिन जब इसमें भारत और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमों के संभावित खिलाड़ी खेल रहे हों, तो एक बेसिक DRS सिस्टम को लागू करना खेल के प्रति न्यायसंगत होगा।
गुस्से में Yashasvi Jaiswal, सवालों में अंपायरिंग
Yashasvi Jaiswal का गुस्सा केवल एक खिलाड़ी का नहीं था, वो हर उस युवा क्रिकेटर की आवाज़ था, जो मैदान पर खुद को साबित करने के लिए हर दिन संघर्ष करता है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सिर्फ अंपायर के फैसले पर भरोसा किया जाना चाहिए, या तकनीक की जरूरत अनऑफिशियल मैचों में भी है?
आने वाले समय में हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी घटनाओं से सीख लेकर क्रिकेट को और पारदर्शी और न्यायप्रिय बनाया जाए।
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