क्या आप सुबह उठते ही थकान या प्रेरणा की कमी महसूस करते हैं? क्या दिन की शुरुआत सकारात्मकता और ऊर्जा के साथ करने में मुश्किल होती है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। कई लोग सुबह के समय ऊर्जा और फोकस की कमी से जूझते हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. टीजे पावर ने एक साधारण 15 मिनट की मॉर्निंग रूटीन साझा की है, जो आपके dopamine लेवल को प्राकृतिक रूप से बढ़ाकर दिन को उत्पादक बनाने में मदद कर सकती है।

dopamine क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
dopamine एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो हमारे दिमाग में प्रेरणा, खुशी और फोकस को नियंत्रित करता है। जब dopamine का स्तर संतुलित होता है, तो हम ऊर्जावान, प्रेरित और सकारात्मक महसूस करते हैं। लेकिन गलत आदतें, जैसे सुबह उठते ही फोन स्क्रॉल करना, dopamine के स्तर को कम कर सकती हैं, जिससे चिड़चिड़ापन और थकान महसूस होती है।
डॉ. टीजे पावर की सलाह: रात से शुरू होती है सुबह
लुईस हाउस के पॉडकास्ट द स्कूल ऑफ ग्रेटनेस में डॉ. टीजे पावर ने बताया कि एक अच्छी मॉर्निंग रूटीन की शुरुआत रात से ही हो जाती है। उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपना फोन कहां चार्ज करते हैं। आपको अपना फोन अपने सिर के पास चार्ज नहीं करना चाहिए।” उनके अनुसार, सुबह उठते ही स्क्रीन के संपर्क में आने से डोपामाइन का स्तर बिगड़ सकता है।
View this post on Instagram
डॉ. पावर सुझाव देते हैं कि सुबह कम से कम 15 मिनट तक स्क्रीन टाइम से बचना चाहिए। इसके बजाय, तुरंत कुछ सक्रिय कदम उठाने चाहिए। वे कहते हैं, “आप उठें, बाथरूम जाएं। अगर आप वहां बैठे हैं, तो मनोरंजन के लिए एक किताब पढ़ें।” किताबें दिमाग को स्वस्थ तरीके से उत्तेजित करती हैं और dopamine के स्तर को बढ़ाने में मदद करती हैं।
dopamine बूस्ट करने की साधारण रूटीन
डॉ. पावर की 15 मिनट की मॉर्निंग रूटीन बेहद सरल लेकिन प्रभावी है। यह रूटीन न केवल आपके dopamine लेवल को बढ़ाती है, बल्कि आपको दिन की शुरुआत में ही आत्मविश्वास और उपलब्धि का अहसास दिलाती है। इस रूटीन में शामिल हैं:
- फोन को न छुएं: सुबह उठते ही फोन को छूने से बचें। इसे अपने बेडरूम से बाहर चार्ज करें ताकि सुबह स्क्रीन टाइम की ललक कम
- हो।बाथरूम जाएं: उठते ही बाथरूम जाएं और अपने चेहरे पर ठंडा पानी छिड़कें। यह आपके दिमाग को तरोताजा करता है।
- दांत साफ करें: यह छोटा-सा काम आपके दिन की शुरुआत को संरचित करता है।
- बिस्तर बनाएं: अपने कमरे में वापस आएं और बिस्तर को व्यवस्थित करें। यह आपको तुरंत उपलब्धि का अहसास देता है।
डॉ. पावर के अनुसार, इन छोटे-छोटे कदमों से आपका न्यूरोकेमिस्ट्री पूरी तरह बदल जाता है। आपका dopamine तेजी से बढ़ता है, और आप जो भी काम करना चाहते हैं, उसे उच्च स्तर पर कर पाते हैं,” उन्होंने बताया।
और पढ़ें: शादी के बाद की अवसाद: वास्तविकता, अपेक्षाएँ और समाधान
इस रूटीन के फायदे
यह रूटीन न केवल dopamine लेवल को बढ़ाती है, बल्कि सुबह के चिड़चिड़ेपन और थकान को भी कम करती है। आमतौर पर लोग सुबह उठते ही डोपामाइन डिप का अनुभव करते हैं, जिससे सब कुछ कठिन और परेशान करने वाला लगता है। लेकिन इस रूटीन को अपनाने से आपका दिमाग संतुलित और ऊर्जावान रहता है।
- बढ़ी हुई प्रेरणा और फोकस
- सुबह की थकान और चिड़चिड़ेपन में कमी
- दिन की शुरुआत में आत्मविश्वास और उपलब्धि का अहसास
- स्वस्थ मानसिक स्थिति और बेहतर उत्पादकता
क्यों है यह रूटीन खास?
इस रूटीन की सबसे बड़ी खासियत इसकी सादगी है। आपको जिम जाने, मेडिटेशन करने या कोई जटिल काम करने की जरूरत नहीं है। बस कुछ बुनियादी कदम उठाकर आप अपने दिमाग को सही दिशा में ले जा सकते हैं। साथ ही, यह रूटीन सभी उम्र और जीवनशैली के लोगों के लिए उपयुक्त है।
आज से शुरू करें
अगर आप अपने दिन की शुरुआत को और बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आज से ही डॉ. टीजे पावर की इस साधारण मॉर्निंग रूटीन को अपनाएं। अपने फोन को बेडरूम से बाहर रखें, सुबह के पहले 15 मिनट स्क्रीन-फ्री रखें, और इन छोटे-छोटे कदमों को फॉलो करें। आप जल्द ही अपने मूड, ऊर्जा और प्रेरणा में सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे।
नोट: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है और यह पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में सवाल होने पर हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।